tag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post1547972912570034475..comments2023-04-03T15:21:35.238+05:30Comments on दीपक भारतदीप की राजलेख-पत्रिका: कुछ न लिखने से तो कविता लिखना ही अच्छादीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/09317489506375497214noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post-76433276854384823312007-05-30T11:54:00.000+05:302007-05-30T11:54:00.000+05:30ब्लॉगरी में कविता के लिये जगह है और अच्छी खासी है....ब्लॉगरी में कविता के लिये जगह है और अच्छी खासी है. पर एक ही तरह का पाठक दोनों पर शायद एक जैसे जोश से टिप्पणी न कर पाये. <BR/>फण्डा ये है कि आप लिखें - जबरी लिखें.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post-87474283970256469902007-05-29T22:15:00.000+05:302007-05-29T22:15:00.000+05:30आप की सकारात्मक सोच अच्छी लगी।वास्तव में कविता लिख...आप की सकारात्मक सोच अच्छी लगी।वास्तव में कविता लिखना लिखने वाले की रूची पर निर्भर करता है। इस मे समय की भी बचत होती है।अपनी भी और पाठक की भी।इसे प्रोत्साहन देना ही चाहिए।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com