tag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post8261780087215057097..comments2023-04-03T15:21:35.238+05:30Comments on दीपक भारतदीप की राजलेख-पत्रिका: सबसे अलग हटकर लिखोदीपक भारतदीपhttp://www.blogger.com/profile/09317489506375497214noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post-65740852649609414372007-07-13T11:38:00.000+05:302007-07-13T11:38:00.000+05:30अच्छी रचना है और बड़ी सरल भाषा मे आपने अपने भाव जा...अच्छी रचना है और बड़ी सरल भाषा मे आपने अपने भाव जाहिर किये है। पर थोडा ग़ुस्सा झलकता है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post-60565811959502371072007-07-13T02:28:00.000+05:302007-07-13T02:28:00.000+05:30ओके सर, जैसी आज्ञा.ओके सर, जैसी आज्ञा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post-77128884043886816762007-07-13T00:26:00.000+05:302007-07-13T00:26:00.000+05:30तुम अपने विश्वास पर लिखोजब लड़ते-लड़ते थक जाएगा ज़मान...तुम अपने विश्वास पर लिखो<BR/>जब लड़ते-लड़ते थक जाएगा ज़माना<BR/>मुट्ठी भींचे रहना कठिन है<BR/>हाथ कभी तो खोलेंगे ही लोग<BR/>तब हर कोई तुम्हारा लिखा पढेगा<BR/><BR/>क्या बात है !!!! भावनाओं से ओतप्रोत आपकी यह रचना अत्यंत सराहनीय है ....बधाईReetesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/12515570085939529378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8316706252281751743.post-2168133480052295072007-07-12T21:35:00.000+05:302007-07-12T21:35:00.000+05:30दीपक जी, बहुत ही गहरी बात व सच्ची बात का दर्शन इस ...दीपक जी, बहुत ही गहरी बात व सच्ची बात का दर्शन इस कविता में हुआ। बहुत सुन्दर ढंग से लिखी रचना है। बधाई।<BR/><BR/>झगडे से बडी उम्र शांति की होती है<BR/>गरीब की भूख से लडाई तो अनंत है<BR/>पर जीवन का स्वरूप भी बेअंत है<BR/>तुम सबसे अलग हटकर लिखोपरमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com