Apr 2, 2012

किसे हाल सुनायें-हिन्दी कविता (kise hal sunaen-hindi kavita)

किसे क्या सुनायें
लोगों के कान खुले दिखते हैं
पर सुरों का अंदर पहुंचना वर्जित है,
किसको क्या क्या दिखायें,
लोगों की आंखें खुली हैं
पर दृश्यों का पहुंचना वर्जित हैं,
कहें दीपक बापू
मतलब के इर्दगिर्द सिमट गया हैं जमाना
किससे मुलाकात कर दर्द बयान करें अपना
इंसानों के शरीर मेकअप से सज रहे हैं
पर जज़्बातों का अंदर पहुंचना वर्जित हैं।
कवि, लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर 
poet, writer and editor-Deepak "BharatDeep",Gwalior
http://rajlekh-patrika.blogspot.com