सर्जिकल स्ट्राइक का मजा अब खत्म! पेट्रोल और डीज़ल के भाव बढ़े अब चैनल वाले इस पर चर्चा करेंगे। पेट्रोल और डीजल के भावों का महंगाई से अजीब संबंध है। इनके भाव बढ़ें तो सभी चीजों के भाव बढ़ते हैं पर कम होें तो कोई कमी नहीं आती। अब पेट्रोल के भाव बढ़े हैं तो यकीनन अनेक लोग अपनी चीजों के भाव बढ़ा देंगे। स्थिति यह है कि पेट्रोल पर एक या दो रुपया बढ़ता है लेकिन चीजों के भाव एकदम पांच से सात और सात से दस हो जाते हैं। तमाम तरह की बहसें चलती हैं पर मध्यम वर्ग के लिये कहीं सुविधाजनक स्थिति नहीं है। मध्यम वर्ग के अनेक लोग निम्न वर्ग में पहुंच गये हैं पर मानते नहीं, अभी भी अपने मान सम्मान के लिये कर्जा लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यही वर्ग बहसों का मजा लेता है और अब उसके लिये सर्जीकल स्ट्राइक की खबर बासी हो गयी है।
कुछ देर पहले हम पार्क में थे। वहां एक सज्जन दूसरे से सर्जीकल स्ट्राइक पर चर्चा कर रहे थे कि एक तीसरा आदमी आया और बोला-‘भईये, भूल जाओ सर्जिकल स्ट्राईक। आज पेट्रोल और डीजल के दामों ने आगे बढ़कर अपने बजट पर सर्जीकट स्ट्राईक कर दिया। फिर सारी चीजों के दाम बढ़ेंगे।’
हम जैसे व्यंग्यकार बहुत सुनते हैं पर कम गुनते हैं पर कभी कभी कम सुनकर भी अधिक बुन लेते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक, तलाक, समान नागरिक संहिता जैसे विषय तो नेपथ्य में चले ही जायेंगे। इधर ब्रिक्स सम्मेलन के समाचार भी आभा खो बैठेंगे-भले ही आप इसमें पाकिस्तान को कितना जलील कर लो पर कल तो खबर के साथ जनचर्चा का विषय पेट्रोल और डीजल के दाम ही होंगे। आप लाख देशभक्ति और धर्म रक्षा का पाठ पढ़ाओ पर अगर मध्यम वर्ग की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी तो उसका प्रभाव क्षणिक रहता है-उसमें मन में स्थाई भाव नहीं रहता।
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