महंगाई बस यूं ही
बढ़ती जायेगी
आम इंसान की तरक्की
हमेषा ख्वाब में नज़र आयेगी।
कहें दीपक बापू
हम तो ठहरे सदाबाहर आम आदमी
तकलीफें झेलने की आदत पुरानी
एक आती है दूसरी जाती है
माया की तरह बदलती है रूप अपना
डरते नहीं है
जानते हैं
मुसीबतों से निजात
इस जन्म में हमें नहीं मिल पायेगी।
तसल्ली है
चीजों की बढ़ती कीमत से
आम आदमी की ज़िन्दगी
पहले से सस्ती होती जायेगी।
------------------
लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
बढ़ती जायेगी
आम इंसान की तरक्की
हमेषा ख्वाब में नज़र आयेगी।
कहें दीपक बापू
हम तो ठहरे सदाबाहर आम आदमी
तकलीफें झेलने की आदत पुरानी
एक आती है दूसरी जाती है
माया की तरह बदलती है रूप अपना
डरते नहीं है
जानते हैं
मुसीबतों से निजात
इस जन्म में हमें नहीं मिल पायेगी।
तसल्ली है
चीजों की बढ़ती कीमत से
आम आदमी की ज़िन्दगी
पहले से सस्ती होती जायेगी।
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लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
कवि, लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak "BharatDeep",Gwalior
http://rajlekh-patrika.blogspot.com
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५.दीपकबापू कहिन
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७.अमृत सन्देश पत्रिका
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