Oct 27, 2008

सास बहू की दीपावली और मिठाई -हास्य कविता


सास ने बहू से कहा
‘शादी के बाद यह तेरी पहली दीपावली है
तेरे मायके से मिठाई आयेगी
बोल देना बाप से असली घी की
मिठाई भेजे वरना
नहीं मिलेंगे जलाने को पटाखे
मेरे तानों में तुम्हें बम जैसी आवाज पायेगी

बहू ने कहा
‘आप इंतजार मत करो
ताने देने का पहले ही अभ्यास कर लो
मिठाई तो आयेगी
पर असली की कि होगी नकली की
इसकी गारंटी कहां मिल सकती है
घी असली हुआ तो खोआ नकली हो सकता है
दोनों ही असली हुए तो भी
आपको उनकी कीमत कम नजर आयेगी
वह ठीक लगी तो रंग में कमी नजर आयेगी
सब ठीक हुआ तो भी
आप सास हैं इस मिलावटी युग में
एक क्या ढेर सारी कमी नजर आयेगी

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3 comments:

संगीता पुरी said...

ब‍हुत अच्‍छा। आपके पूरे परिवार और मित्रगण सहित आपको भी परम मंगलमय त्‍यौहार दीपावलि की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

ghughutibasuti said...

बढ़िया ।
आपको व आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ।
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

बहुत मजेदार!!

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.