Sep 11, 2009

फिल्म और क्रिकेट का रिश्ता-हास्य कविता (film aur cricket-hasya kavita)

नायिका ने बहुत किया अभिनय
पर चलचित्रों में सफलता का
दौर नहीं चल पाया।
नंबर वन की दौड़ में न पहुंचने पर
उसने प्रेमी निदेशक से अफसोस जताया।
तब वह बोला-
‘‘लगता है कि अपना नाम
फिल्म बाजार में ऐसे नहीं चलेगा,
केवल किसी अभिनेता के साथ
तुम्हारे नकली इश्क से मामला नहीं बनेगा,
मेरे अंदर एक नया विचार चल रहा है,
चलचित्र जगत की ऊंचाई पर तुम पहुंचो
यह सपना मेरे अंदर भी पल रहा है,
जिस तरह क्रिकेट और फिल्म का
रिश्ता आपस में बन गया है
उसका लाभ उठाओ,
किसी कुंवारे क्रिकेट खिलाड़ी से
इश्क का प्रचार करवाओ,
घूमते हुए फोटो खिंचवाना और
किसी मैच में जाकर उसके लिये
बजाना जोर से तालियां,
मेरे से प्रेम की बात कोई करे तो
देना चाहे मुझे खुलेआम गालियां,
सर्वशक्तिमान ने चाहा तो
होगी कृपा उनकी
तुम्हारे साथ होगा सफलता का साया।
चलचित्रों से पिटने की हट जायेगी छाया।
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2 comments:

श्यामल सुमन said...

हकीकत को सुन्दरता से पेश किया है आपने।

संजय तिवारी said...

आपकी लेखन शैली का कायल हूँ. बधाई.