Apr 23, 2010

दौलतमंदों का सजा बाज़ार-हिन्दी शायरी (daulatmandon ka bazar-hindi shayari)

पैसे कमाने का हुनर
दुनियां में सबसे अच्छा माना जाता है,
भले ही कोई फन हो न हो
दौलतमंद खरीद लेता है
सारे फनकार कौड़ी के भाव
इसलिये हुनरमंद भी माना जाता है।
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मयस्सर नहीं हैं जिनको रोटी
उनसे ज़माना खौफ खाता है।
इसलिये फुरसत मिलने पर करते हैं
सभी गरीब का भला करने की बात
बाकी समय तो दौलतमंदों के सजाये
बाजार में ही बीत जाता है।
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संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com

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1 comment:

सतीश कुमार चौहान said...

कलर व साइज पर ध्‍यान दो
सतीश कुमार चौहान भिलाई
satishkumarchouhan.blogspot.com
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