उनके दिखाये सपनों का पीछा करते कई घर तबाह हो गये,
अंधेरे को भगाने के लिये जलाई आग में अंधे स्वाह हो गये।
जंग भड़काई थी जमाने में, ईमान और इंसाफ लाने के लिये
हार गये तो अपने ही दोस्तों के खिलाफ एक गवाह हो गये।
मुखौटा लगाया पहरेदार का, सब का भरोसा जीतने के लिये,
लुट गया सामान, भरोसा करने वालों के चेहरे स्याह हों गये।
जिंदगी बनाने का दावा करने वालों पर नहीं करना भरोसा,
बेईमान चढ़े हैं हर शिखर पर, ईमानदार अब तबाह हो गये।
-----------
संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
-------------------------
यह पाठ मूल रूप से इस ब्लाग‘शब्दलेख सारथी’ पर लिखा गया है। अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द लेख पत्रिका
2.दीपक भारतदीप की अंतर्जाल पत्रिका
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
समसामयिक लेख तथा अध्यात्म चर्चा के लिए नई पत्रिका -दीपक भारतदीप,ग्वालियर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
भारत चीन सीमा पर गोली चलाने की खबर सात दिन बाद आये तो समझ लो वहां नित कुछ बड़ा चल रहा है। ------------------ विरोधी नेता एवं पत्रक...
No comments:
Post a Comment