जब तक मतलब था
दरियादिली उन्होंने दिखाई
फिर अचानक लापता हो गये,
हमने उनका पता ढूंढ निकाला
जब मिले दोबारा तो
उनकी तंगदिली देखकर हैरान हुए हम
इससे तो उनकी यादें बेहतर थी
पछताये जो फिर उनके पास गये।
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प्यार में धोखा नहीं होता तो
सच्चे प्यार की पहचान कैसे होती,
दौस्ती में गद्दारी न होती तो
वफा की कीमत भला क्या होती,
जिंदगी की असलियत जिसने जान ली
उसे दिल के घायल होने की शिकायत नहीं होती।
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कवि, संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
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VAKT PARIWARTANSHEEL HAI,PAR HAALAAT SAMAY KO BHI BADAL DETE HAIN
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