कुछ लोग
वाह वाह करते हुए
हंसते सामने आते हैं,
कुछ ताने देते हुए
रुंआसे भी नज़र आते हैं।
लगा लिये हैं सभी ने मुखौटे चेहरे पर
अपनी नीयत यूं छिपा जाते हैं,
कमबख्त! यकीन किस पर करें
लोग खुद ही अपनी असलियत छिपाते हैं।
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कोई भी मुखौटा लगा लो अपने चेहरे पर
दूसरा इंसान तुम पर यकीन नहीं करेगा,
मगर तुम अपनी नीयत और असलियत
अपने से छिपा लोगे
तब तुम्हारा ज़मीर किसी का कत्ल करते हुए भी
तुमसे नहीं डरेगा।
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कवि, संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://deepkraj.blogspot.com
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1 comment:
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें.
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