उनकी यादों को अपने दिल में रखें
पर कब तक
उनके वादों के पूरा होने पर भरोसा करें
पर कब तक
उनके बारे में
अपने इरादों को जाहिर नहीं करें
पर कब तक
उम्मीद हो कोई तो
इन्तजार करे और भी
पर क्या फायदा बहारों का मौसम आने का
बिखर जाये हमारा आसरा तब तक
उनके दिल में हमारे लिए
भी प्यार की आग जलेगी
यह विश्वास कर लेते
चिंगारी भी दिख रही होती जब तक
समसामयिक लेख तथा अध्यात्म चर्चा के लिए नई पत्रिका -दीपक भारतदीप,ग्वालियर
Nov 30, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
--- ज़माने पर सवाल पर सवालसभी उठाते, अपने बारे में कोई पूछे झूठे जवाब जुटाते। ‘दीपकबापू’ झांक रहे सभी दूसरे के घरों में, गैर के दर्द पर अपन...
-
तुम तय करो पहले अपनी जिन्दगी में चाहते क्या हो फिर सोचो किस्से और कैसे चाहते क्या हो उजालों में ही जीना चाहते हो तो पहले चिराग जलाना सीख...
No comments:
Post a Comment