Jul 3, 2014

भक्ति के नाम पर धंधा-हिन्दी व्यंग्य कवितायें(bhakti ke nam par dhandha-hindi vyangya kavitaen)



हर कोई बैठा है हाथ में लेकर मूर्तियां पुजवाने के लिये,
जिसकी नहीं पुजे लग जाता दूसरे की तुड़वाने के लिये।
किसी ने लगाया ने अपने माथे पर चंदन की टीका
किसी ने अपने चेहरे पर स्थापित दाढ़ी बढ़ा ली,
चाहे जहां सर्वशक्तिमान के नाम पर शब्दों की जंग लड़ा ली,
कहें दीपक बापू भक्ति का मसला दिल से जुड़ा है
धर्म के ठेकेदारों ने बना लिया धंधा कमाने के लिये।
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सर्वशक्तिमान की  भक्ति करने पर वह इतराते हैं,
दिल है खाली जुबान पर नाम लेकर इठलाते हैं।
कहें दीपक बापू पाखंड से पहचानी जा रही आस्था,
सत्य के नाम पर सत्ता का बना रहे रास्ता,
ज्ञान की राह कभी सभी समझी नहीं
रट लिये शब्द अब दूसरों को सिखलाते हैं।
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 कवि एवं लेखक-दीपक राज कुकरेजा 'भारतदीप'

ग्वालियर, मध्य प्रदेश

कवि, लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर 
poet, writer and editor-Deepak "BharatDeep",Gwalior
http://rajlekh-patrika.blogspot.com

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