हिमालय से निकली
पवित्र गंगा हर जगह
मैंली क्यों है।
पानी की हर बूंद पर
गंदगी फैली क्यों है।
कहें दीपक बापू
किनारे से
चलो धनवानों के घर
तक
पत लग जायेगा
गंगा की धाराओं में
विष प्रवाहित करने
के बदले
उनकी भरी थैली क्यों है।
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कवि एवं लेखक-दीपक राज कुकरेजा 'भारतदीप'
ग्वालियर, मध्य प्रदेश
कवि, लेखक और संपादक-दीपक "भारतदीप",ग्वालियर
poet, writer and editor-Deepak "BharatDeep",Gwalior
http://rajlekh-patrika.blogspot.com
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