जब तुम बदलाव के लिए
आगे बढते जाओगे
भीड़ से अलग होकर
अकेले नजर आओगे
बदलाव की हवा के झोंके से भी
लोग घबडा जाते हैं
तुम्हारे तूफ़ान लाने की कोशिश
उनके ठहरे मन को
हिला कर रख देगी
जिनके लिए बदलाव चाहते हो
तुम उनसे ही लड़ते नजर आओगे
हकीकत से परे लोग देखते हैं ख्वाब
सवालों पर सवाल करते हैं
देता नहीं कोई जवाब
जवाब देने की कोशिश में
तुम असंख्य सवालों में
खुद ही घिर जाओगे
फिर भी तुम अपनी कोशिश
कभी मत छोड़ना
बदलाव के तूफान से
कभी मुहँ मत मोड़ना
चलते रहो अपनी राह पर
हर खबर पर तुम्हारा नाम होगा
बनेगी तुम्हारी अलग पहचान
जब तुम जीत जाओगे
भीड़ होगी तुम्हारे पीछे
हालांकि तुम तब भी
अकेले नजर आओगे
---------
समसामयिक लेख तथा अध्यात्म चर्चा के लिए नई पत्रिका -दीपक भारतदीप,ग्वालियर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
--- ज़माने पर सवाल पर सवालसभी उठाते, अपने बारे में कोई पूछे झूठे जवाब जुटाते। ‘दीपकबापू’ झांक रहे सभी दूसरे के घरों में, गैर के दर्द पर अपन...
-
तुम तय करो पहले अपनी जिन्दगी में चाहते क्या हो फिर सोचो किस्से और कैसे चाहते क्या हो उजालों में ही जीना चाहते हो तो पहले चिराग जलाना सीख...
1 comment:
प्रेरक कविता है।
धन्यवाद
Post a Comment