Jan 23, 2008

उदास हो जाना कभी अच्छा लगता है-कविता साहित्य

उदास हो जाना कभी अच्छा लगता है
ख़्वाबों को हमेशा टूटे देख
सपनों को बिखरते देख
कब तक और किससे लड़ें
खामोश हो जाना अच्छा लगता है

जमीन और आकाश के बीच
जिन्दगी जब थकती सी लगे
अपनों से दूरी बढ़ने लगे
कुछ पाकर भी दिल होता बेचैन
अपने दर्द से भीग जाएं अपने नैन
उदास हो जाना कभी अच्छा लगता है

कायदों के करें हमेशा अपनी बात
वही फायदे के लिए मारते लात
कभी गुस्सा तो कभी बेचैनी से
भर जाता है मन
बिना आग के ही जलता मन
तब खामोशी ओढ़ना लगता ठीक
उदास हो जाना कभी अच्छा लगता है

1 comment:

जेपी नारायण said...

आपकी कविता में जीवन की वास्तविकताओं की अभिव्यक्ति की सहजता बहुत अच्छी लगी। कितने सीधे-सादे शब्दों में आपने मनोभावों को बुना है।