Apr 21, 2007

जान-पहचान का नाम दोस्ती नही होता

बुरे लोग दोस्त किसी के नहीं होते
पर भले भी नहीं होते
दोस्त सिर्फ दोस्त जैसे होते हैं
जो सत्य सामने रखे
झूठी तारीफों के पुल न बांधे
भलाई करे पर उसे सुनाये नहीं
हमारे लिए जो फिक्र दिल में है
उसे दुनियां को सुनाये नहीं
भले या बुरे लोगों से क्या काम
जब अपने साथ दोस्त होते हैं
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सौ नादाँ दोस्तो से
एक दाना दुश्मन भला
इसीलिये होता है
वह तो होता है सामने
जिस पर रहती है नज़र
पर दोस्त लिए खंजर
पीछे खडे घौंपने के
इन्तजार में होता है
पर अब कोई किसी का दुश्मन
नहीं बनता
सब हो गये सयाने
जिससे दुश्मनी निकालनी हो
उसके दोस्त बन जाते हैं
हर आदमी हैरान और परेशान है
अब कोई दुश्मन से जंग की
बात कभी नहीं करता
सभी धोखे की कहानी सुनाते हैं
दोस्ती से मिले दर्द
पर आंसू बहाते हैं
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पल पल रंग बदलती इस दुनियां में
दोस्तो के चेहरे बदल जाते हैं
नाम की दोस्ती होती
काम बस होता है
बेमतलब की बातें करना
फुर्सत का समय काटना
दोस्ती की पहचान बन गया है
प्रतिदिन मिलना होता है
पर एक पल के भी संकट से उबारने का
भरोसा नहीं होता
जान पहचान को दोस्ती कहने का
आजकल फैशन हो गया है

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